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मैंने निखिल से कहा, ठीक है, मैं तुम्हारे कहने पर अपनी तरफ से कोशिश करती हूँ,
जानने की उनके मन में क्या चल रहा है?
अब आगे उस दिन के बाद से, मैंने आंटी के साथ और ज्यादा अपनी बॉंडिंग स्ट्रांग कर ली थी.
अब मैं खुल कर आंटी के साथ सबभी बातें करने लगी थी, और आंटी भी अपनी सारी बातें शेयर करती थी.
एक दिन की बात है, आंटी और मैं आपस में बातें कर रहे थे, तो हमारी बातें चुदाई को लेकर होने लगी.